Sunday 24 June 2018

अनाहत चक्र और मनस शरीर का ध्यान




आई ये अनाहत चक्र पर ऊर्जा ले जाने के लिए एक छोटा सा ध्यान करेंगे|


एक आराम दाय कुर्सी पे बैठ जाये या लेट जाए|
अपनी आँखें बंद कर ले |
अपने पूरे शरीर को एकदम ढीला छोड़ दे |
में ३ से १ और १० से १ तक गिनती करता हु हर काम होते नंबरों के साथ आप मन की अथक गहराई में डूबते जा रहे हैं|
३, २, १ आप अल्फा लेवल पर आ गए हैं|
मेरे १० से १ गिनती करने पर आप मन की अथक गहराई में डूबते जा रहे हैं |
१०, ९, ८, मन के गहरे लेवल पर जा रहे हे
७, ६, ५, ४, गहरे और गहरे
३, २, १
आप मन के गहरे लेवल पर आ गये हैं|
आप अपने फ़ायदे के लिए, अपने चक्रों को जागरूक करने के लिए मन के गहरे और स्वस्थ लेवल पर काम कर रहें हैं|

अपने पूरे शरीर को ढीला छोड़ दे|
मुंह से हल्के से सांस छोड़े|
सांस को एकदम धीमा और सामान्य कर दे|

अपने दोनों पैरों से ऊर्जा को ऊपर आते हुए महसूस करे|
एक हल्का सा कंपन महसूस करे|
ऊर्जा धीरे धीरे ऊपर की और बढ़ रही हैं|

शरीर में कही पर झुनझुना हट या फड़कता महसूस होता हे तो वहाँ से ऊर्जा को जाने दे|
शरीर की हर एक कोशिका को ऊर्जा ठीक कर रही हैं|

जननेंद्रिय को पार करती हुई नाभि को पार करती हई, छाती में जहां अनाहत चक्र हे वहाँ ऊर्जा को आते हुए महसूस करे|
छाती के ऊपर अपने कपड़े के स्पर्श को महसूस करे|
ऊर्जा को चारों और गोल गोल घूमता हुआ महसूस करे|
मुंह से हल्के से सांस छोड़े|

छाती में से ऊर्जा को निकल कर पूरे शरीर में फैलाता हुआ महसूस करे|
आपके शरीर में से ऊर्जा निकल कर चारों ओर फेल रही हे उसे महसूस करे|

अगर मन में कोई और बात की कल्पना उठ रही हे या ऐसा लग रहा हे की मेरी कुण्डलिनी बहुत जोर से जागरूक हो रही हे तो जाने की ये भी एक विचार हे और मुझे ऐसे सब विचारों से मुक्त होना हैं|
विचारों के प्रति घृणा का भाव ना रखे पर जाने की ये विचार आ रहें हैं| में विचारों से अलग हु|

थोड़ी देर तक ऊर्जा को शरीर में महसूस करते रहे |

अपने पूरे शरीर को ढीला छोड़ दे|
मुंह से हल्के से सांस छोड़े|
सांस को एकदम धीमा और सामान्य कर दे|

ऊर्जा को रीढ़ से गुज़ार कर अपने सिर के ऊपर निकल दे |

अपने पूरे शरीर को ढीला छोड़ दे|
मन के गहरे लेवल से बाहर आते हुए
मुंह से हल्के से सांस छोड़े|
मन के गहरे लेवल से बाहर आकर पूरा जागरूक हो जाए|
हलक़े से अपनी आँखें खो ले और हल्का महसूस करे|

ये मेडिटेशन को रोज रात को सोते समय या दोपहर में आराम के वक्त करे|